क्यों बना जयपुर पिंक सिटी? महाराजा की एक अनोखी सोच ने बदल दी पूरे शहर की पहचान
भारत के हर शहर की अपनी अनोखी कहानी और पहचान होती है, लेकिन उनमें से सबसे खास है राजस्थान की राजधानी जयपुर, जिसे पूरी दुनिया पिंक सिटी के नाम से जानती है। रंग-बिरंगी हवेलियां, गुलाबी रंग की इमारतें और समृद्ध इतिहास—ये सब मिलकर जयपुर को एक अलग ही पहचान देते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जयपुर को ‘पिंक सिटी’ कहने की शुरुआत कैसे हुई?
इस पहचान के पीछे एक बेहद रोचक ऐतिहासिक वजह है, जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे।
कब और कैसे हुई जयपुर की स्थापना?
जयपुर की स्थापना 18 नवंबर 1727 को कछवाहा वंश के शासक महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने की थी।
उन्होंने शहर की डिजाइन तैयार करने के लिए बंगाल के प्रसिद्ध वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य की मदद ली थी।
महाराजा जयसिंह के नाम से ही इस शहर का नाम ‘जयपुर’ रखा गया।
शुरुआत में शहर की ज्यादातर इमारतें सफेद और पीले रंग की होती थीं।
तो फिर गुलाबी कैसे बना पूरा शहर?
पिंक सिटी की कहानी शुरू होती है 19वीं सदी से, जब ब्रिटेन की क्वीन एलिजाबेथ और प्रिंस ऑफ वेल्स, युवराज अल्बर्ट भारत दौरे पर आए थे।
उनके स्वागत के लिए जयपुर आने का कार्यक्रम तय हुआ।
महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय अपने मेहमानों के स्वागत में कोई कमी नहीं रखना चाहते थे।
तभी उन्होंने एक अनोखा निर्णय लिया—
“पूरा शहर गुलाबी रंग से रंगवा दिया जाए।”
उनका मानना था कि गुलाबी रंग मेहमाननवाज़ी, गर्मजोशी और सम्मान का प्रतीक है।
यह विचार सफल साबित हुआ—जब ब्रिटिश मेहमान जयपुर पहुंचे, तो पूरे शहर की खूबसूरती देखकर अभिभूत रह गए।
यह कहानी जयपुर के नामकरण के पीछे की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को सुंदरता से बताती है। सन् 1876 में ब्रिटिश राज के दौरान, जब प्रिंस ऑफ वेल्स भारत आए, तो महाराजा रामसिंह द्वितीय ने उनका खास स्वागत करने का अनोखा फैसला लिया। उन्होंने पूरे जयपुर को गुलाबी रंग से रंगवाया, क्योंकि यह रंग भारतीय संस्कृति में आत्मीयता और मेहमाननवाजी का प्रतीक माना जाता है। इस त्योहार जैसी सजावट ने न केवल मेहमान का दिल जीत लिया, बल्कि यह परंपरा आज भी कायम है। तभी से ही जयपुर को “पिंक सिटी” या “गुलाबी नगरी” कहा जाने लगा।
गुलाबी रंग ही क्यों चुना गया?
- पिंक रंग को सदियों से आतिथ्य का प्रतीक माना गया है।
- यह रंग उत्साह, स्वागत और सौहार्द दर्शाता है।
- इसी कारण महाराजा ने उसी रंग को शहर की पहचान बनाने का फैसला किया।
इसी शाही स्वागत से प्रभावित होकर बाद में तय किया गया कि शहर की इमारतें हमेशा गुलाबी रंग में ही रंगी जाएंगी।
तभी से जयपुर दुनिया भर में Pink City के रूप में मशहूर हो गया।
आज भी अपनी पहचान बरकरार
आज भी जयपुर का पुराना बाज़ार, हवेलियां, परंपरागत इमारतें और महल गुलाबी रंग की ही दिखाई देते हैं।
यही कारण है कि भारत ही नहीं, पूरी दुनिया से लोग इस अनोखे शहर की खूबसूरती देखने आते हैं।